02 June 2023 12:45 PM, बीMW न्यूज, पटना
कोरोमंडल एक्सप्रेस, चेन्नई से हावड़ा, ट्रेन नंबर-12842, ये वही ट्रेन है, जो 2 जून 2023 की शाम करीब 6:50 बजे मालगाड़ी से टकरा गई थे, और 292 लोग मारे गए। इनमें 52 की पहचान अब तक नहीं हो पाई। 1200 से ज्यादा घायल हुए। हादसे के पीछे कोई साजिश तो नहीं, CBI हीं इसकी जांच कर रही है। बहनगा बाजार रेलवे स्टेशन का पूरा स्टाफ उसकी कस्टडी में है। CBI ने हादसे की जांच 10 जून को अपने हाथ में ली थी, पर जांच में क्या मिला, अब तक सामने नहीं आया।
इस घटना के बाद, स्टेशन मास्टर, जूनियर इंजीनियर, और 6 स्टेशन स्टाफ को गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उनका इस हादसे में शामिल होने का आरोप है। अधिकारी उनकी भूमिका की जांच कर रहे हैं, जिनका कार्य ट्रेन को सुरक्षित चलाना और स्थापित नियमों का पालन सुनिश्चित करना था।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सीबीआई जांच का आदेश दे दिए, जिसमें उन्होंने घटना की तटस्थ और व्यापक जांच की आवश्यकता को देखते हुए कहा है। अब सीबीआई ने स्टेशन से संबंधित सभी दस्तावेजों को कब्जे में लेकर जांच कर रही है, जो इस हादसे से संबंधित स्टाफ हैं, उन्हें और उनके मोबाइल फोन को भी अपने कब्जे में लेकर जांच कर रही है।
हालांकि इस घटना ने विपक्षी दलों को केंद्र की सरकार को घेरने का मौका दे दिया ओर अब राजनीति भी शुरू हो गई है, इस दर्दनाक घटना के बाद कुछ लोगों के साथ सीबीआई पूछताछ कर रही है, और इसी बात को लेकर, बीजू जनता दल के विधायक परशुराम धाड़ा ने जांच में संभावित पक्षपात के संबंध में चिंता व्यक्त की है। विधायक धाड़ा ने अपनी चिंता व्यक्त की कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों पर केवल उनके धार्मिक पृष्ठभूमि के कारण निशाना बनाया जा सकता है, जिसे वह अन्यायपूर्ण अभ्यास मानते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक निष्पक्ष और न्यायसंगत जांच को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है, जो घटना को सभी दृष्टिकोणों से परीक्षण करेगी।
हॉस्पिटल ने तीन फेज में ऑपरेशन पूरा किया, बसों से इंटर्न और स्टाफ को भेजा
’हमने इस हादसे को तीन फेज में संभाला। साइट मैनेजमेंट, हेल्थ फैसिलिटी और रिहैबिलिटेशन। 2 जून की शाम हादसे की खबर मिलते ही करीब 35 मिनट में हमारे क्लीनिकल सुपरिन्टेंडेंट दो बसों में इंटर्न स्टूडेंट और स्टाफ के साथ पहुंच गए। एक मिनी हॉस्पिटल बनाया और इलाज शुरू कर दिया। गंभीर घायलों को पास के तीन हॉस्पिटल्स सोरो, खंतापाड़ा और गोपालपुर सीएचसी के अलावा बालासोर मेडिकल कॉलेज भेजा।
‘हमने एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया। इसमें हेल्थ सेक्रेटरी, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन, डायरेक्टर हेल्थ सर्विस, रेवेन्यू डिविजनल कमिश्नर, जिला कलेक्टर, एसपी और हॉस्पिटल के डीन को जोड़ा गया। मैं इसकी एडमिन थी। इससे बहुत फायदा हुआ। हमें ज्यादा डॉक्टर, एंबुलेंस और रेस्क्यू टीम चाहिए थी। हमने ग्रुप में ये बात लिखी, तुरंत आसपास के जिलों से डॉक्टर, स्टाफ और एंबुलेंस को भेजा गया। एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया, ताकि गाड़ियों का स्मूथ मूवमेंट हो सके। शाम 7:35 बजे हमने पहला पेशेंट रिसीव किया।’
चपरासी, माली, क्लीनर और गार्ड को भी मदद के लिए लगाया
मनोरमा भुइयान बताती हैं, ‘कुछ सोचने या तैयारी का समय नहीं था। हमने हॉस्पिटल में सभी को अलर्ट कर दिया। आसपास के लोग, सिविक बॉडी और स्वयंसेवकों की एक टीम ब्लड डोनेशन के लिए पहुंच चुकी थी। सिर्फ आधे घंटे में हमने 700 यूनिट ब्लड जमा कर लिया था। सिर्फ मेडिकल स्टाफ ही नहीं, हीं बल्कि हॉस्पिटल के गार्ड, चपरासी, जनरेटर चलाने वाले, सफाईकर्मी, ड्रा इवरों, रों नर्सिंग स्टाफ, फैकल्टी मेंबर को भी एक्टिव कर दिया।
फोटो हादसे के बाद की है, जगह बालासोर का एक हॉस्पिटल। यहां कम जख्मी लोगों को इलाज के लिए लाया गया था।
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