13 July 2023 11:05 AM, बीMW न्यूज।
केंद्र में मंत्रिमंडल का विस्तार होना लगभग तय है और, इसमें जो सबसे, प्रमुख नाम सामने आ रहे है उनमे,लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, चिराग पासवान, रवि शंकर प्रसाद और संजय जायसवाल सबसे प्रमुख नाम है।
और संभावनाएँ ये बता रही है कि लगभग इन तीनों का।शपथ ग्रहण, मंत्री के तौर पर लगभग तय है और इसके लिए राष्ट्रपति भवन में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इसमें कई नए चेहरों को शामिल करने की चर्चा है।
सूत्रों के मुताबिक, इस बार जमुई के सांसद और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्री य अध्यक्ष चिराग पासवान को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। अगर ऐसा होता है तो चिराग पहली बार मंत्री पद की शपथ लेंगे। जानकारी के मुताबिक, मोदी कैबिनेट के नए चेहरों में पश्चिम चंपारण से तीन बार के सांसद डॉ. संजय जायसवाल के भी शामिल होने की चर्चा है। संभावना है उन्हें पहली बार केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिल सकती है। जायसवाल बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इन दोनों के अलावा पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद को केंद्रीय कैबिनेट में फिर से जगह मिल सकती है। रविशंकर प्रसाद 2021 से ही मंत्रिमंडल से बाहर हैं। हालांकि, उनके PA ने सांसद के मंत्री बनने की खबर को अफवाह बताया है।
चिराग पासवान को मिल सकती है पिता वाली जिम्मेदारी :
लोजपा के संस्थापक और दिवंगत राम विलास पासवान।भाजपा सरकार में उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के मंत्री थे, और अब यही विभाग के मंत्री।चिराग पासवान को बनाया जा सकता है ऐसा सूत्रों के हवाले से खबर मिली है।
हालांकि, चिराग के मंत्री बनने, पार्टी के NDA में शामिल होने और उनकी डिमांड को भाजपा की तरफ से माने जाने के सवाल पर पटना से लेकर दिल्ली तक नेता आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। बताया जा रहा है कि चिराग पासवान ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात की थी और दोनों के बीच घंटों तक बातें हुई ।
इससे पहले रविवार को पटना में चिराग पासवान ने इस बात के संकेत भी दिए थे कि लोजपा (रा) NDA में आधिकारिक तौर पर शामिल होने से पहले बैठकों का एक दौर और भी चल सकता है ।
चिराग पासवान हाजीपुर से लड़ेंगे चुनाव।
सूत्रों के मुताबिक, दो दिन पहले NDA में शामिल होने को लेकर चिराग ने बीजेपी के आगे अपनी शर्त रखी थी की, वे लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए हाजीपुर सहित 6 सीट चाहते और राज्यसभा के लिए भी उन्होंने ने 1 सीट देने की मांग की है। साथ ही 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अभी से ही अपनी पार्टी के लिए सीटें तय कर लेना चाहते हैं।
बताया जाता है कि ये सारी शर्तें।लोजपा का बंटवारा करने वाले और केंद्र में मंत्री उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को हटाने की राजनीति है।
और सबसे महत्वपूर्ण जानकारी जो आ रही है, कि बीजेपी ने चिराग की सारी शर्ते मान ली हैं। यही वजह है कि कैबिनेट के लिए नए चेहरों में उनके नाम की चर्चा सबसे ज्यादा है। दावा ये भी किया जा रहा है कि चिराग 2024 में हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी ने इसके लिए हामी भी भर दी है। इस सीट से उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान सांसद हुआ करते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में चाचा पशुपति कुमार पारस ने हाजीपुर से चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की, लेकिन पारिवारिक विवाद और पार्टी के हुए बंटवारे के बाद चिराग ने हाजीपुर सीट के लिए अपनी दावेदारी ठोक दी है।
रविशंकर प्रसाद और संजय जायसवाल को मौका देने जा रही भाजपा
माना जा रहा है कि सांसद रविशंकर प्रसाद की केंद्रीय कैबिनेट में वापसी हो सकती है। संभावित है कि उन्हें फिर से कानून मंत्रालय ही दिया जाए। वे फिलहाल अभी दिल्ली में हैं। दैनिक भास्कर ने उन्हें कॉल भी किया, लेकिन बात उनके PA से हुई। PA ने बताया कि रवि शंकर प्रसाद के दोबारा मंत्री बनने की बात गलत है। वो बस एक अफवाह है। दूसरी ओर पश्चिम चंपारण से सांसद संजय जायसवाल को भी केंद्र में मंत्री बनने का मौका मिल सकता है। हालांकि, उन्हें कौन सा मंत्रालय दिया जाएगा इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। जायसवाल 2009 से लगातार लोकसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं। बिहार में प्रदेश भाजपा की कमान भी संभाल चुके हैं। वहीं, हीं वर्तमान केंद्रीय मंत्रिमंडल से बिहार कोटे के दो मंत्रियों को हटाए जाने की बात भी कही जा रही है। इनमें एक नाम राष्ट्री य लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्री य अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस है। वहीं, हीं दूसरा नाम बक्सर से सांसद अश्विनी कुमार चौबे का है।
बिहार के लिए खुशी की बात।
केंद्र में हो रहे कैबिनेट विस्तार को लेकर बिहार के पॉलिटिकल एक्सपर्ट अरूण पांडेय बताते हैं की, पटना साहिब के सांसद रवि शंकर प्रसाद की सरकार में वापसी संसदीय क्षेत्र के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि बिहार के लिए खुशी और हित की बात होगी। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बाद बिहार महत्वपूर्ण राज्य है। क्योंकि ,पहले यहां चुनाव NDA नीतीश कुमार के चेहरे पर लड़ती थी। पर अब वो भाजपा के साथ नहीं हैं। रवि शंकर प्रसाद बिहार में भाजपा के बड़े चेहरे हैं। तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। इसके बाद लोकसभा का चुनाव जीते। केंद्र में मंत्री बने। हालांकि, मंत्री पद से हटाए जाने के बाद संगठन में बड़ा और अहम रोल निभा रहे हैं।
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